PMJAY Ayushman Card: फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर उसका शासकीय फायदा उठाने वालों की खैर नहीं

PMJAY Ayushman Card: फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर उसका शासकीय फायदा उठाने वालों की खैर नहीं

PMJAY Ayushman Card : नकली दस्तावेज के जरिए जिन लोगों ने इसका फायदा उठाया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
PMJAY Ayushman Card जिन लोगों ने फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर इसका शासकीय फायदा लिया है, पुलिस ऐसे लोगों की तलाश कर रही है। अब तक करीब दो दर्जन नाम सामने आए हैं। बाणगंगा थाना पुलिस ने पिछले दिनों नकली आधार कार्ड बनाने वाली गैंग को गिरफ्तार किया था। बाणगंगा थाना पुलिस ने 16 सितंबर को शांति नगर में प्रियांशी आनलाइन पर छापा मारकर नकली दस्तावेज बनाने का मामला पकड़ा था। पुलिस ने यहां से मार्कशीट, आयुष्मान कार्ड, वोटर आईडी, पेनकार्ड, आधार कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस और जाति प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में प्रदीप पुत्र लक्ष्मणदास निवासी भवानी नगर और अजय हीरे निवासी कुमाड़ी कांकड़ को गिरफ्तार किया था। इन्होंने एक्सएक्स-2 के नाम से पोर्टल बना रखा था, जिसके जरिए जाली दस्तावेज तैयार किए जाते थे। इन दोनों की निशानदेही पर कलेक्टर कार्यालय के एजेंट देवीलाल गुर्जर को गिरफ्तार किया था। उसने सैकड़ों जाली जाति प्रमाण-पत्र बनवाए हैं। पुलिस की जांच में लोकसेवा गारंटी के कर्मचारी रोहित और आकाश को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि इलेक्ट्रॉनिक काम्पलेक्स में बैठने वाली वर्षा मिश्रा अभी फरार है। उसने पहले राजनीतिक दबाव बनाया, लेकिन पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ। वर्षा ने अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे नामंजूर कर दिया है। एक और आरोपित शाकिर, जो मगरखेड़ा पंचायत से नकली जन्म प्रमाण-पत्र बनवाता था, उसकी भी अग्रिम जमानत खारिज हो गई है। पुलिस ने पचास आयुष्मान कार्ड जब्त किए हैं। इसमें समग्र आईडी भी शामिल है। इन प्रमाण-पत्रों को नकली सत्यापित करने के लिए अफसर विवेकसिंह को लिखा जा चुका है और वहां से मंजूरी मिलने के बाद दस्तावेजों से फायदा लेने वालों की जांच शुरू होगी। आयुष्मान कार्ड से इलाज मुफ्त है, जिसमें पांच लाख तक की रकम शामिल है। नकली दस्तावेज के जरिए जिन लोगों ने इसका फायदा उठाया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक 50 आयुष्मान कार्ड में से करीब तीस इंदौर के हैं, बाकी बाहर के बने हैं। जो लोग इंदौर के हैं, उनकी जांच के लिए एक टीम बनाई है। उसी के जरिए आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आठ आरोपिता जेल में हैं, दो आरोपिता प्रदीप और देवीलाल ने भी अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी, लेकिन पुलिस ने उसे नामंजूर कर दिया है। इस मामले में अभी भी अनुसंधान बचा है और कई विभाग के आला अफसर शंका के घेरे में हैं। इसी वजह से पुलिस ने ही जमानत पर ऐतराज जताया था, जिसके कारण उनकी जमानत अर्जी निरस्त कर दी है।

ये खबर नई दुनीया इंदौर मध्य प्रदेश से प्रकाशित हुई है

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